मुंबई की झोपड़पट्टी में जन्म
इंदर जयसिंघानी की कहानी दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत का शानदार उदाहरण है। मुंबई की झोपड़पट्टी से शुरुआत करते हुए उन्होंने खुद को भारत के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक के रूप में स्थापित किया है। उनका जीवन एक प्रेरणा है कि कैसे कठिनाइयों का सामना करते हुए सफलता हासिल की जा सकती है। जयसिंघानी का जन्म मुंबई के लोहार चॉल में हुआ था। पारिवारिक व्यवसाय में मदद करने के लिए उन्होंने 15 साल की उम्र में स्कूल छोड़ दिया था। पिता के आकस्मिक निधन के बाद उन्हें कम उम्र में ही जिम्मेदारियों का भार उठाना पड़ा। हालांकि, उन्होंने कभी भी कठिनाइयों को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया और दृढ़ता के साथ आगे बढ़ते रहे।
छोटी सी दुकान को साम्राज्य में बदल दिया
इंदर जयसिंघानी ने पारिवारिक व्यवसाय में कड़ी मेहनत की और धीरे-धीरे पॉलीकैब की बागडोर संभाली। यह लोहार चॉल में एक छोटी सी इलेक्ट्रिक शॉप थी। अपनी दूरदर्शिता और व्यावसायिक कौशल के दम पर उन्होंने पॉलीकैब को छोटी सी दुकान से भारत की सबसे बड़ी वायर और केबल निर्माता कंपनी बना दिया। 1997 में जयसिंघानी पॉलीकैब के चेयरमैन और डायरेक्टर बने। उनके नेतृत्व में कंपनी ने नए बाजारों में प्रवेश किया और केबल मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में एक जाना-माना नाम बन गई। 2019 में उन्होंने आधिकारिक रूप से सीएमडी का पदभार संभाला।
अकूत दौलत के बन गए मालिक
इंदर जयसिंघानी के नेतृत्व में पिछले 50 वर्षों में उनके कारोबार ने शानदार ग्रोथ दर्ज की। वह 'मेक इन इंडिया' पहल के प्रबल समर्थक हैं। जयसिंघानी सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति भी सजग हैं। पॉलीकैब की CSR पहल के माध्यम से वह आर्थिक और सामाजिक रूप से वंचित समुदायों के उत्थान के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। फोर्ब्स इंडिया रिच लिस्ट के अनुसार, जयसिंघानी की कुल संपत्ति 8.6 अरब डॉलर आंकी गई है। यह उन्हें देश के सबसे अमीर उद्योगपतियों में से एक बनाता है।
70 से अधिक देशों में मौजूदगी
जयसिंघानी की तेज व्यावसायिक समझ ने पॉलीकैब इंडिया लिमिटेड को न केवल भारत का सबसे बड़ा वायर और केबल निर्माता बनाया है। अलबत्ता, इसे सबसे तेजी से बढ़ने वाली FMEG कंपनियों में से एक भी बनाया है। भारत के विभिन्न शहरों में अपनी उत्कृष्ट सेवाओं के साथ पॉलीकैब ने दुनियाभर के 70 से अधिक देशों में ग्राहकों को अपनी सेवाएं प्रदान की हैं। इंदर जयसिंघानी की कहानी उन सभी के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को पूरा करने की इच्छा रखते हैं। उनकी यात्रा साबित करती है कि दृढ़ संकल्प, कड़ी मेहनत और सही दिशा के साथ कोई भी व्यक्ति कितनी भी ऊंचाइयों को छू सकता है।
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